कबीर के सौ दोहे

धर्म किये धन ना घटे, नदी न घट्ट नीर |
अपनी आखों देखिले, यों कथि कहहिं कबीर ||


अर्थ    धर्म (परोपकार, दान सेवा) करने से धन नहीं घटना, देखो नदी सदैव बहती रहती है, परन्तु उसका जल घटना नहीं | धर्म करके स्वयं देख लो |


बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।

अर्थ : जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मुझे कोई बुरा न मिला. जब मैंने अपने मन में झाँक कर देखा तो पाया कि मुझसे बुरा कोई नहीं हैl





कबीर के सौ दोहे देखने के लिए उपरोक्त विडियो देखें l 







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