गीताप्रेस सुविचार भाग 4


  1. भगवान का नाम जपते समय संसार के बारे में नही सोचना चाहिए और संसार के काम करते समय भी भगवान को नही भूलना चाहिए l
  2. जिसमे बचपन से ही या जवानी में भक्ति नही की वो बुढापे में क्या भक्ति करेगा ?
  3. जैसे व्यापर वो बढिया होता है जिसमे अधिक लाभ हो उसी प्रकार साधना वही बढिया होती है जिसमे अधिक मन भगवान में लगे l



  1. जैसे जैसे समाज में लोग केवल संसार को ही महत्व देना आरम्भ करते हैं और धर्म की उपेक्षा (ignore) करते हैं वैसे ही समाज में अशांति, अपराध, पाप बढ़ते हैं या यूं कहें कि धर्म की उपेक्षा करेंगे तो अधर्म बढ़ता है l
  2. दुःख आता ही इस लिए है कि सुख की इच्छा छूट जाए l
  3. भक्त को सदैव दूसरों कि सेवा करने का लालच होना चाहिए, दूसरों को सुख देकर भक्त स्वयं वहां पहुँच जायेगा जहाँ उसको कभी कोई दुःख नही होगा l
  4. सुख पाना चाहते हो तो पहले दुसरों को सुख दो, जैसे बीज बोओगे, वैसी ही फसल काटोगे l
  5. जो दूसरों को हानि पहुंचाता है वो भी वास्तव में अपनी ही हानि कर रहा है और जो दूसरों का भला कर रहा है वो वास्तव में अपना ही भला कर रहा है l
  6. “दूसरे सुखी हो” - जब व्यक्ति ऐसा भाव रखेगा तो सब सुखी हो जायेंगे और स्वयं भी सुखी हो जायेगा परन्तु “मैं सुखी हो जाऊं” – जब व्यक्ति यह भाव रखेगा तो सब दुखी हो जायेंगे और व्यक्ति स्वयं भी दुखी हो जाएगा l
  7. श्रेष्ठ भक्त वही है जो दूसरों की भलाई में लगा हुआ है l
  8. जो सबका भला चाहता है, वो भगवान के हृदय में स्थान पाता है l
  9. जो दूसरों का भला कर रहा है, वह कहीं भी रहे भगवान को पा लेगा l 
  10. जैसे कोई कम्पनी में अच्छा काम करने से कम्पनी का स्वामी प्रसन्न होता है, ऐसे ही संसार की सेवा करने से संसार के स्वामी (भगवान) प्रसन्न हो जाते हैं 
  11. संसार में दूसरों के लिए जैसा करोगे अपने लिए भी वैसा हो जायेगा, इसलिए सदैव दूसरों का भला करो l
  12. जब कभी सेवा करने का अवसर मिले तो प्रसन्न होना चाहिए कि भाग्य खुल गया l
  13. धार्मिक पुस्तकें, अच्छे विचारों और सत्संग से बुरे से बुरा संभाव भी अच्छा हो जाता है l
  14. आज के समय में तो मनुष्य पशुओं से भी नीचे गिर रहा है, क्यूंकि पशु भी दूसरों का के अधिकार की वस्तुएं नही लेते, मनुष्य तो दूसरों का अधिकार मार रहा है l
  15. हमारी कमाई में किसी दूसरे के अधिकार का एक रूपये न हो इसका सदैव ध्यान रखना चाहिए l 
  16. कुछ करना है तो दूसरों की सेवा करो-कुछ जानना चाहते हो तो अपने आप को जानी -मानना चाहते हो तो भगवान् को मानो- तीनो का परिणाम एक ही होगा
  17. हमे जिस व्यक्ति या वस्तु से मोह (जुड़ाव) हो, उसमे भी भगवान को ही देखना चाहिए l
  18. प्रत्येक समय यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि कहीं हम किसी की हानि तो नही कर रहे हैं ?
  19. जैसे बच्चा प्रत्येक स्थिति में माँ को ही पुकारता है इसी प्रकार भक्त को भी प्रत्येक स्थिति में भगवान को ही पुकारना चाहिए l 
  20. जिस कार्य को बाद में सीधा नही किया जा सके, उस उल्टेकार्य को कभी नही करना चाहिए l
  21. चरित्र की सुन्दरता ही वास्तविक सुन्दरता है l
  22. कितने आश्चर्य की बात है कि भगवान की दी हुई वस्तुएं अच्छी लगती है परन्तु भगवान नही अच्छे लगते l




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